अशोक गहलोत | |
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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री | |
राजस्थान के मुख्यमंत्री | |
पद बहाल 17 दिसम्बर 2018 – 15 दिसंबर 2023 | |
राज्यपाल | कलराज मिश्र |
पूर्वा धिकारी | वसुंधरा राजे |
उत्तरा धिकारी | भजन लाल शर्मा |
चुनाव-क्षेत्र | सरदारपुरा, जोधपुर |
पद बहाल 13 दिसम्बर 2008 (2008-12-13) – 12 दिसम्बर 2013 (2013-12-12) | |
पूर्वा धिकारी | वसुन्धरा राजे सिंधिया |
उत्तरा धिकारी | वसुन्धरा राजे सिंधिया |
पद बहाल 1 दिसम्बर 1998 (1998-12-01) – 8 दिसम्बर 2003 (2003-12-08) | |
पूर्वा धिकारी | भैरोंसिंह शेखावत |
उत्तरा धिकारी | वसुन्धरा राजे सिंधिया |
पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री | |
पद बहाल 2 सितम्बर 1982 (1982-09-02) – 7 फ़रवरी 1984 (1984-02-07) | |
प्रधानमंत्री | इन्दिरा गांधी / राजीव गांधी |
पद बहाल ३१ दिसम्बर १९८४ – २६ सितम्बर १९८५ | |
प्रधानमंत्री | राजीव गांधी |
खेल उप केन्द्रीय मंत्री | |
पद बहाल ७ फ़रवरी १९८४ – ३१ अक्टूबर १९८४ | |
प्रधानमंत्री | राजीव गांधी |
केन्द्रीय राज्य मंत्री (कपड़ा) स्वतंत्र प्रभार | |
पद बहाल २१ जून १९९१ – १८ जनवरी १९९३ | |
प्रधानमंत्री | पी वी नृसिम्हा राव |
जन्म | ३ मई १९५१ महामंदिर, जोधपुर |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
जीवन संगी | सुनीता गहलोत |
बच्चे | वैभव गहलोत सोनिया गहलोत |
धर्म | हिन्दू |
अशोक गहलोत (जन्म 3 मई 1951, जोधपुरराजस्थान) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता तथा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हैं| [1]। मारवाड़ में लक्ष्मण सिंह गहलोत के घर जन्मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक डिग्री प्राप्त की तथा अर्थशास्त्र विषय लेकर स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। गहलोत का विवाह 27 नवम्बर, 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं।[2]
अशोक गेहलोत एक जादूगर लक्ष्मण सिंह गेहलोत के पुत्र हैं, जो अपने जादू के करतब दिखाने के लिए देश भर में यात्रा करते थे।[3] वह माली जाति से हैं।[4][5][6][7][8] गहलोत के पिता दो कार्यकाल के लिए जोधपुर नगर निगम के अध्यक्ष, एक कार्यकाल के लिए उपाध्यक्ष और एक खनन ठेकेदार थे। वह विज्ञान और कानून में स्नातक हैं, उनके पास अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री भी है। उनका विवाह सुनीता गेहलोत से हुआ और उनका एक बेटा और एक बेटी है।[1] उनके बेटे वैभव गहलोत एक राजनेता हैं जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर से चुनाव लड़ा था।
विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रहे गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया।
सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 04/12/2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 08/12/2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए। 14 वीं राजस्थान विधानसभा में पुनः निर्वाचित हुए। 15 वीं राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने।[9]
उन्होंने इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमण्डल में केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्द्रीय मंत्री बने। जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत 2 सितम्बर, 1982 से 7 फ़रवरी 1984 की अवधि में इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बनें। उन्होंने 7 फ़रवरी 1984 से 31 अक्टूबर 1984 की अवधि में खेल मंत्रालय में कार्य किया तथा पुन: 12 नवम्बर, 1984 से 31 दिसम्बर, 1984 की अवधि में इसी मंत्रालय में कार्य किया। उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए उन्हें केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। 31 दिसम्बर, 1984 से 26 सितम्बर, 1985 की अवधि में गहलोत ने केन्द्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् उन्हें केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्वतंत्र प्रभार दिया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून 1991 से 18 जनवरी 1993 तक मंत्री रहे।
जून, 1989 से नवम्बर, 1989 की अल्प अवधि के बीच गहलोत राजस्थान सरकार में गृह तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री रहे।
जनवरी, 2004 से 16 जुलाई 2004 तक गहलोत ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमन्त्रित सदस्य के रूप में कार्य किया और इस पद पर रहते हुए हिमाचल प्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी के रूप में सफलता पूर्वक जिम्मेदारी का निर्वहन किया। 17 जुलाई 2004 से 18 फ़रवरी 2009 तक गहलोत ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। इस दौरान गहलोत ने उत्तरप्रदेश, दिल्ली, समस्त फ्रन्टल इकाईयों व सेवादल के प्रभारी के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस एवं महात्मा गांधी फाउण्डेशन की ओर से आयोजित ढाडी यात्रा के समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए सफलता पूर्वक सम्पन्न कराया।
गहलोत को 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहने का गौरव प्राप्त हुआ है। पहली बार गहलोत 34 वर्ष की युवा अवस्था में ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बन गये थे। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनका पहला कार्यकाल सितम्बर, 1985 से जून, 1989 की अवधि के बीच में रहा। 1 दिसम्बर, 1994 से जून, 1997 तक द्वितीय बार व जून, 1997 से 14 अप्रैल 1999 तक तृतीय बार वे पुन: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1973 से 1979 की अवधि के बीच गहलोत राजस्थान NSUI के अध्यक्ष रहे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी की इस यूथ विंग को मजबूती प्रदान की। गहलोत वर्ष 1979 से 1982 के बीच जोधपुर शहर की जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वर्ष 1982 में गहलोत राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (इन्दिरा) के महासचिव भी रहे।
गरीबों और पिछड़े वर्ग की सेवा को तत्पर गहलोत ने पश्चिम बंगाल के बंगाँव और 24 परगना जिलों में वर्ष 1971 में बंग्लादेश युद्ध के दौरान आयोजित शरणार्थी शिविरों में काम किया। समाज सेवा में गहरी रूचि रखने वाले गहलोत ने तरूण शान्ति सेना द्वारा सेवाग्राम, वर्धा औरंगाबाद, इन्दौर तथा अनेक जगहों पर आयोजित शिविरों में सक्रिय रूप से कार्य किया तथा कच्ची बस्ती और झुग्गी क्षेत्रों के विकास के लिए अपनी सेवाएं दी। नेहरू युवा केन्द्र के माध्यम से उन्होंने प्रौढ शिक्षा के विस्तार में उन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। गहलोत सक्रिय रूप से कुमार साहित्य परिषद और राजीव गांधी मेमोरियल बुक-बैंक से जुड़े हुए हैं।
गहलोत भारत सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। यह संस्थान समाज सेवा को समर्पित हैं तथा एम्बूलेन्स सेवा प्रदान करती है। इसके अलावा यह संस्थान राजीव गांधी मेमोरियल बुक बैंक के माध्यम से गरीब छात्रों के लिए नि:शुल्क पुस्तकें उपलब्ध करवाती है। संस्थान ने जोधपुर में राजीव गांधी सेवा सदन में एक वाचनालय भी स्थापित किया है। गहलोत राजीव गांधी स्टडी सर्किल, नई दिल्ली के भी अध्यक्ष हैं। यह संस्था देशभर के विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों के हितों की देखभाल करती है।
गहलोत ने भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में जनवरी, 1994 में चीन की यात्रा की। गहलोत ने कॉमनवैल्थ यूथ अफेयर्स काउन्सिल के भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के नेता के रूप में साइप्रस की यात्रा की। उन्होंने बुल्गारिया जाने वाले भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का भी नेतृत्व किया। गहलोत ने बैंकॉक, आयरलैण्ड, फ्रेंकफर्ट, अमेरीका, कनाडा, हांगकांग, यूके, इटली तथा फ़्रान्स देशों की यात्रा की। इन यात्राओं से उन्हें अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों तथा इन देशों के विकास कार्यों को जानने का अवसर मिला।
अशोक गहलोत स्वयं को हमेशा जनता के धन ओर सम्पत्ति का ट्रस्टी मानते हैं। वर्ष 1980 से 1982 के बीच गहलोत पब्लिक एकाउण्ट्स कमेटी (लोकसभा) के सदस्य रहे। गहलोत संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति (10वीं लोकसभा) के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने रेल मंत्रालय की स्थाई समिति (10वीं और 11वीं लोकसभा) के सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके अलावा गहलोत विदेश मंत्रालय से सम्बद्ध सलाहकार समिति (11वीं लोकसभा) के सदस्य भी रहे हैं।
स्वास्थ्य का अधिकार" सभी निवासियों के लिए मुफ्त, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा का वादा करता है|[10]
बीबीसी हिन्दी. २८ नवम्बर २०१३. मूल से 29 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ नवम्बर २०१३.
Primus Books. पृ॰ xviii. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ .
the quint. 25 Honourable 2022. मूल से 29 Grave 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 September 2022.
India Today. मूल से 20 March 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 September 2022.
Indianexpress.